सोनभद्र।सरकार लॉक डाउन पर लगातार अपनी सतर्कता व पैनी निगाह बनाये हुए है और लॉक डाउन को दो सप्ताह के लिए आगे बढ़ा दिया है । वहीं जनपद सोनभद्र के बालू खनन क्षेत्रों में दूसरे जिलों से आने वाले वाहनों को लेकर खतरा मंडराने लगा है। जिले मे सबसे अधिक बालु या डोलो स्टोन का खनन ओबरा और दद्धी इलाके मे होता है ।इसी खतरे को देखते हुए सोनभद्र के दुद्धी व ओबरा क्षेत्र के विधायकों ने मुख्यमंत्री व जिला प्रशासन को पत्र लिखकर बाहरी गाड़ियों के आवागमन पर रोक लगाने की मांग की है । दोनों विधायकों का कहना है कि खनन के चक्कर में कोरोना मुक्त जनपद कहीं दागदार न हो जाये। वही बाहरी गाड़ियों के चालकों ने भी स्वीकार किया कि बॉर्डर पर उनकी कोई चेकिंग नहीं होती और न कोई टेस्ट ।चार राज्यों से घिरा जनपद सोनभद्र में अब तक कोरोना का एक भी मरीज पॉजिटिव न मिलने से जहां एक तरफ प्रशासन उत्साहित है वही जनपद के लोग भी काफी निश्चिंत हैं । मगर बालू खनन शुरू होने के बाद धीरे-धीरे जनपद सोनभद्र असुरक्षित होता जा रहा है । दुद्धी से अपना दल के विधायक हरिराम चेरो व ओबरा से बीजेपी विधायक संजीव गोंड ने मुख्यमंत्री व जिला प्रशासन को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि दुद्धी क्षेत्र में चल रहे बालू खनन में बाहरी गाड़ियों का प्रवेश तेजी से हो रहा है ।दुद्धी विधायक का कहना है कि बालू लोड करने के लिए आ रही ट्रकें उन जनपदों से भी आ रही हैं जहां कोरोना के पॉजिटिव केस पाए गए हैं । उनका कहना है कि जिस तरह से खनन क्षेत्र में लगभग 300 से अधिक गाड़ियों का जमावड़ा लग रहा है ऐसे में क्षेत्र पूरी तरह से असुरक्षित बनता जा रहा है। उन्होंने चिंता जाहिर किया कि यदि कोई भी कोरोना पॉजिटिव केस बाहर से आ गया तो जनपद को बचाना मुश्किल हो जाएगा।वही बाहर से आने वाले ट्रक चालकों का कहना है कि उनकी बॉर्डर पर कोई चेकिंग नहीं होती । बिना मास्क लगाए चल रहे ट्रक ड्राइवरों का कहना है कि उन्हें बालू लेने के लिए कई-कई दिनों तक यहां रुकना पड़ रहा है। लंबी कतार होने की वजह से कई दिनों बाद उनका नंबर आता है ।बालु खनन क्षेत्र की स्थिति यह है कि कई लोग एक साथ बैठे बातें कर रहे थे लेकिन कैमरा देखते ही चलते बने ।
ट्रक चालक राम सकल यादव का मानना हैं कि डर तो उन्हें भी लग रहा मगर पेट के लिए करना पड़ रहा है ।इतना ही ओबरा विधायक संजीव कुमार गौड़ ने भी इसका विरोध करते हुए ट्रकों का संचालन बन्द करने का मांग किया है।
प्रशासन ने जिस तरह से छोटी गाड़ियों के बॉर्डर क्रॉस करने पर पाबंदी लगा रखी है और ट्रकों को खुली छूट दे रखा है, ऐसे में जनपद कितना सुरक्षित रह पाता है यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा । लेकिन इतना तय है कि इस वैश्विक महामारी में बालू खनन का कार्य शुरू करना सरकार के लिए घातक न बन सकता है ।