भा.ज.पा कार्यकर्ताओ ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के 129 वीं जयंती पर याद कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया

म्योरपुर मण्डल के सभी बूथों बाबा साहब को पुष्प अर्पित किया गया

पंकज सिंह/विकास अग्रहरी@sncurjanchal

म्योरपुर मण्डल के सभी बूथों भा.ज.पा कार्यकर्ताओ ने मंगलवार को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के 129वा जयंती पर म्योरपुर बूथ संख्या 49, 50,51 तथा बलियरी,सुपाछुआ, जामपानी,लीलासी,कुदरी,रासपहरी, देवरी,किरविल सहित एक दर्जन बूथों पर पुष्प अर्पित कर भा.ज.पा कार्यकर्ताओ ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया मण्डल अध्यक्ष म्योरपुर मोहरलाल खरवार ने कहा की सविधान के रचयिता बाबा भीमराव अंबेडकर के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भीम राव अम्बेडकर

का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में हुआ था। भीमराव आंबेडकर के पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का नाम भीमाबाई था। अपने माता-पिता की चौदहवीं संतान के रूप में जन्में डॉ. भीम राव अम्बेडकर जन्मजात प्रतिभा संपन्न थे पूर्व जिला मंत्री गणेश जायसवाल ने कहा कि वर्ष 1930 में, भीमराव अम्बेडकर ने कालाराम मंदिर सत्याग्रह को शुरू किया। जिसमें लगभग 15,000 स्वयंसेवको ने प्रतिभाग किया था। यही-नहीं इस आंदोलन में जुलूस का नेतृत्व एक सैन्य बैंड ने किया था और उसमें एक स्काउट्स का बैच भी शामिल था। पहली बार पुरुष और महिलाएं भगवान का दर्शन अनुशासन में कर रहे थे। जब सभी आंदोलनकारी मंदिर के गेट तक पहुंचे, तो उन्हें गेट पर खड़े ब्राह्मण अधिकारियों द्वारा गेट बंद कर दिया गया। विरोध प्रदर्शन उग्र होने पर गेट

को खोल दिया गया। जिसके परिणामस्वरूप दलितों को मंदिर में प्रवेश की इजाजत मिलने लगी। स्वतंत्र भारत में जब राष्ट्रीय ध्वज पर विचार विमर्श किया जा रहा था,उस समय भीमराव अम्बेडकर सविंधान ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष भी थे। जिन्होंने राष्ट्रीय ध्वज में अशोक चक्र का सुझाव दिया था। उन्हीं की बदौलत आज तिरंगे में अशोक चक्र प्रदर्शित होता है इस कार्यक्रम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा गया मौके पर पूर्व मण्डल अध्यक्ष सुजीत कुमार सिंह,जिला कार्यकारणी सदस्य होरीलाल पासवान,ने भी अपनी अपनी बात रखी मौके पर जितेंद्र अग्रहरी,अमित रावत,दीपक अग्रहरी,राम साहाई,सहित दर्जनों भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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