शक्तिनगर ;सोनभद्र।एनटीपीसी सिंगरौली विद्युत गृह परिसर में स्वामी विवेकानन्द जयंती युवा दिवस-2020 के रूप में धूमधाम से मनायी गयी । एनटीपीसी मानव संसाधन ;राजभाषा अनुभाग एवं परिसर में संचालित महात्मा गॉधी काषी विद्यापीठ के संयुक्त संयोजन में आयोजित जयंती समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा विवेकानंद के चित्र का अनावरण कर किया । तत्पष्चात कार्यक्रम में उपस्थित वक्ता एवं कविगण , सहभागी प्रबुद्ध समुदाय के पुष्पार्चन से हुआ । इस मौके पर आयोजित गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए अपर महाप्रबंधक ;मानव संसाधन वि.शिव प्रसाद ने अपने उद्बोधन में विवेकानंद को भारत माता का अमर पुत्र बताते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद अद्वितीय प्रतिभा के बेमिषाल उदाहरण थे ,शिवप्रसाद ने भारतीय संस्कृति एवं दर्षन का संवर्द्धक बताते हुए भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार में उनके योगदान को अतुलनीय बताया तथा युवा पीढ़ी से विवेकानंद के त्याग पूर्ण चरित्र को अपनाने की अपेक्षा व्यक्त की । अन्य वक्ता के रूप राजीव कुमार सिंह, प्रधानाचार्य सरस्वती षिषु मंदिर खडि़या, आदेश कुमार पाण्डेय, प्रबंधक मानव संसाधन;राजभाषा बलिराम बेलवंषी, खडि़या परियोजना, सुरेश गिरि के साथ अमृत विद्यापीठ के निदेषक डा0अष्विनी तिवारी, एवं संत जोसेफ स्कूल के शिक्षक सी.एस.जोषी ,विद्यापीठ विस्तार परिसर के सभी प्रोफेसर सहभागी रहे तथा विवेकान्द के जीवन परिचर्चा में अपने विचार रखें । जयंती समारोह के दूसरे सोपान पर विद्यालय सभागार में सरस काव्य पाठ का वृहद आयोजन हुआ जिसमें क्षेत्र के जाने माने कवि, कवियत्री जिनमें प्रमुख रूप से डा0 प्रवेश मिश्रा, चुनहा सतहॉ, पाणि पंकज, खडि़या तथा जानी मानी गजलकार तथा गीतकार श्रीमती साधना षर्मा, श्री ज्योति ज्वाला जयन्त ने अपनी काव्य कृतियों को सुनाकर खुब वाहवाही लूटी अंत में काव्य पाठ के अध्यक्ष माहिर मिर्जापुरी ने अपने गजले सुनाकर उपस्थितों को खुब आंदित किया इस गोष्ठी का संचालन डॉ0 योगेन्द्र मिश्र द्वारा किया गया । विदित रहे इस कार्यक्रम में काषी विद्यापीठ के छात्र-छात्राओं ने भी युवा संत विवेकानंद की जीवन परिचर्चा में अपने विचारों को अवगत कराया तथा काव्य पाठ में प्रतिभाग कर कार्यक्रम को सफल बनाया । कार्यक्रम का संयोजन डॉ0 मानिक चन्द्र पाण्डेय, प्रोफेसर काषी विद्यापीठ द्वारा किया गया । कार्यक्रम की सफलता में नवीन चंद्र श्रीवास्तव ,उप महाप्रबंधक एनटीपीसी पावर ग्रिड, डा0 अनिल कुमार दुबे, तथा विद्यापीठ के समस्त प्रोफेसर गण का सराहनीय सहयोग प्राप्त हुआ ।