जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से खेखसा (ककोड़ा) की सब्जी के फायदे…….

स्वास्थ्य डेस्क। जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से खेखसा (ककोड़ा) की सब्जी के फायदे…….

ककोड़ा (खेखसा) एक ऐसा औषधीय फल है जिसका उपयोग हम सब्‍जी के रूप में करते हैं। हां यह अलग बात है कि अन्‍य सब्जियों के मुकाबले ककोरा आसानी से नहीं मिलते हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्‍वों की अच्‍छी मात्रा हमें कई प्रकार की बीमारियों से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं।
खेखसा ( ककोडा) का नियमित सेवन करने से रक्‍तचाप, आंखों की समस्‍या, महिला स्‍वास्‍थ्‍य और कैंर जैसी समस्‍याओं के प्रभाव को कम करने में सहायता मिलती है।
हरी और गोलमटोल कांटे वाली इस सब्जी को ज्यादातर लोगों ने देखा और खाया होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस सब्जी को खाने से कितने सारे फायदे शरीर को मिलते हैं।
खेखसा(ककोड़ा) है गुणों का खजाना
इस सब्जी का नाम है ककोड़ा या ककोड़ या ककरोला। इस फल का वैज्ञानिक नाम मोमोरेख डाईगोवा है। यह एक प्रकार की सब्जी है और यह आकार में बहुत छोटी होती है। इसके ऊपर कांटेदार रेशे होते हैं। इस सब्जी को न तो उपजाया जाता है और न ही इसका बीज मिलता है। क्योंकि यह जंगलों और खेतों की बाउंडरी में पाया जाने वाला सब्जी है।
बारिश का मौसम शुरू होते ही यह बाजार में दिखने लगता है। जैसे ही बारिश होती है, इसकी बेल अपने आप जंगलों और खेतों में किनारे दिखने लगती है। इसी कारण एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट भी इसके बीज नहीं रखता। केवल जंगल से ही इसकी सप्लाई होती है। सीजन खत्म होते ही पके ककोड़े के बीज गिर जाते हैं और जैसे ही पहली बारिश होती है, ककोड़े की बेल जंगल में उग आती है।
खेखसा, ककोड़ा बेल की जड़ एक गांठ होती है। और इसमें बहुत सारे औषधिय गुण पाए जाते हैं। इसका सेवन करने से आपको कभी उल्टी नहीं होती है। और यदि आप नर और मादा दोनों पौधों को मिलाकर सेवन करते हैं तो इससे जहरीले सांप का विष भी आपके शरीर में से उतर जाता है। सबसे खास बात ये भी है कि इस फल के बीज से तेल निकाला जाता है, जिसका उपयोग रंग व वार्निश उद्योग में किया जाता है।
आजकल के दौर में जंक फूड का इतना क्रेज बढ़ चुका है कि, लोग अपने शरीर को जरूरी ताकत देनी वाली सब्जी, दाल का सेवन कम ही करते हैं। लेकिन, बहुत कम लोग जानते हैं कि, कुछ सब्जियाँ होती हैं, जिन्हें कुछ दिन खाने पर ही इसका फायदा मिलने लग जाता है।
कंटोला (खेखसा) या काटवल इसे औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इस सब्जी में इतनी ताकत होती है कि, महज कुछ दिन के सेवन से ही आपका शरीर तंदुरुस्त बन जाता है या यूँ कहें कि, फौलादी बन जाता है। कंटोला को ककोड़े, काटवल और मीठा करेला नाम से भी जाना जाता है।
अगर आप भी अपनी रोजाना डाइट में इसे शामिल करते हैं तो दूसरे तत्वों और फाइबर की कमी को भी यह पूरी करती है। ककोड़े यानी मीठा करेला को सेहतमंद माना जाता है। आयुर्वेद में भी इसे सबसे ताकतवर सब्जी के रूप में माना गया है।
यह सब्जी स्वादिष्ट होने के साथ-साथ प्रोटीन से भरपूर होती है। इसे रोज खाने से आपका शरीर ताकतवर बनता है। इसके लिए कहा जाता है कि इसमें मांस से 50 गुना ज्यादा ताकत और प्रोटीन होता है।
खेखसा में मौजूद फाइटोकेमिकल्स स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में काफी मदद करता है। यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर सब्जी है। यह शरीर को साफ रखने में भी काफी सहायक है।
कंटोला (खेखसा)आमतौर पर मॉनसून के मौसम में भारतीय बाजारों में देखा जाता है। इसमें कई स्वास्थ्य लाभ है जिसकी वजह से इसकी खेती दुनियाभर में शुरू हो गई है। इसकी मुख्य रूप से भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में खेती की जाती है।
वजन घटाएँ : कंटोला में प्रोटीन और आयरन भरपूर होता है जबकि कैलोरी कम मात्रा में होती है। यदि 100 ग्राम कंटोला की सब्जी का सेवन करते हैं तो 17 कैलोरी प्राप्त होती है। जिससे वजन घटाने वाले लोगों के लिए यह बेहतर विकल्प है।
कैंसर से बचाए : कंटोला में में मौजूद ल्युटेन जैसे केरोटोनोइडस विभिन्न नेत्र रोग, हृदय रोग और यहाँ तक कि, कैंसर की रोकथाम में भी सहायक है।
पाचन क्रिया ठीक करे : अगर आप इसकी सब्जी नहीं खाना चाहते तो अचार बनाकर भी सेवन कर सकते हैं। आयुर्वेद में कई रोगों के इलाज के लिए इसे औषधि के रूप में प्रयोग करते हैं। यह पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
हाई ब्लड प्रेशर : कंटोला में मौजूद मोमोरडीसिन तत्व और फाइबर की अधिक मात्रा शरीर के लिए रामबाण हैं। मोमोरेडीसिन तत्व एंटीऑक्सीडेंट, एंटीडायबिटीज और एंटीस्टे्रस की तरह काम करता है और वजन और हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है।
एंटी एलर्जिक : कंटोल में एंटी-एलर्जन और एनाल्जेसिक सर्दी खांसी से राहत प्रदान करने और इस रोकन में काफी सहायक है।

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