मध्यप्रदेश जिला आगर मालवा से गिरिराज बंजारिया ✍ पत्रकार की रिपोर्ट
मो.9617717441
भोपाल। सूबे में भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित हुए मप्र में अब तक 225 मौतें और 11 हजार 906 करोड़ का नुकसान हुआ है। राज्य के दो दिनों केदौरे पर आएकेंद्रीय दल के सामने राज्य सरकार ने यह ब्यौरा रखाहै।केंद्रीय दल ने गुरुवार और शुक्रवार को प्रदेश के अलग-अलग बाढ़ और बारिश सेप्रभावित हिस्सों का जायजा लिया। दल अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेंगा।केंद्रीय दल ने गुरुवार और शुक्रवार को हालात का जायजा लिया। राज्य सरकार नेकेंद्रीय दल को बतायाकि राज्य में फसलों को हुए नुकसान का आंकलन 24 सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।राज्य सरकार ने 5 हजार का रिलीफ फंड की मांग रखी है। सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार मप्र को मदद नहीं देना चाहती है।जबकि गुजरात को अध्ययन करने से पहले ही मदद का एलान कर दिया गया था।
सरकार की तरफ जारी बयान के अनुसार, प्रदेश के 52 में से 36 जिलों में भारी नुकसान हुआ है। अति वर्षा से लगभग 24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 22 लाख किसानों की 9 हजार 600 करोड़ रुपये की खरीफ फसल प्रभावित हुई है। प्रदेश में मकानों को हुई क्षति लगभग 540 करोड़ रुपएकी है। इसी तरह से सड़कों की क्षति का अनुमान 1566 करोड़ रुपएऔर लगभग 200 करोड़ रुपएका अन्य नुकसान भी हुआ है।
1400 से अधिक जानवरों की मौत
मध्यप्रदेश में बाढ़ एवं आकाशीय विजली से मरने वालों की संख्या 225 पहुँच गयी है।
अब तक कुल 11 हजार 906 करोड़ रुपएकी क्षति हुई है। प्रदेश में बाढ़ और आकाशीय बिजली से 225 लोगों की मृत्यु हुई है, और लगभग 1400 से अधिक जानवरों की मौत हुई है।
मप्र के कई हिस्सों में बौछारें पड़ने की संभावना :
सूबे में मानसून की सक्रियता कम हुई है। शुक्रवार को आसमान पर बादलों का डेरा होने से गर्मी का असर कम है। वहीं, जिन हिस्सों में बादलों के छंटने के बाद धूप निकलती है वहां उमस पड़ी है। बीते 24 घंटों के दौरान राजधानी सहित अन्य हिस्सों में बौछारें पड़ी। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि, आंध्रप्रदेश के तटीय क्षेत्रों में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जो ज्यादा ताकतवर नहीं होगा। इसके चलते आगामी 24 घंटों में राज्य के कई हिस्सों में बौछारें पड़ सकती हैं।