ऑल इंडिया दिव्यांग क्रिकेट एसोसिएशन मुम्बई में हो रहे धाँधली से डिसेबल्ड स्पोर्टिंग सोसाइटी के सचिव हारून राशीद ने दिया इस्तीफा

मुम्बई।

इंग्लैण्ड में अगस्त में होने वाले विश्व दिव्यांग क्रिकेट सीरीज के लिए बीसीसीआई ने देश की चारों दिव्यांग क्रिकेट संस्थाओं को एक होकर आगे आने को कहा था जिससे कि इंग्लैंड टीम भेजी जा सके इसके लिए डिसेबल्ड स्पोर्टिंग सोसाइटी ( आगरा ), इंडियन क्रिकेट फेडरेशन ऑफ डिसेबल्ड क्रिकेट ( लखनऊ ), फिजिकल चैलेंज्ड क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ इंडिया ( फरीदाबाद ),ऑल इंडिया क्रिकेट एसोसिएशन फ़ॉर फिजिकली चैलेंज्ड ( मुम्बई ) चारों संस्थाओं को एकत्रित करके पूर्व भारतीय क्रिकेटर स्व.अजित वाडेकर की ऑल इंडिया क्रिकेट एसोसिएशन फ़ॉर फिजिकली चैलेंज्ड उनकी याद में ये नाम रखा गया एवं अध्यक्ष भाई अशोक वाडेकर को बनाया गया । डिसेबल्ड स्पोर्टिंग सोसाइटी के महासचिव हारून राशीद ने चयन प्रक्रिया के लिए सुझाव दिया कि चारों संस्थाओं के सर्वश्रेष्ठ 20 खिलाड़ी चुन कर आपस मे मैच करा दें जिससे कि पूरी टीम को 18 मैच मिल जाते लेकिन ऐसा नही किया गया और हुबली में ट्रायल मैच रखा गया और चयन प्रक्रिया पूरी तरह से धाँधली के रूप में होता रहा । डीएसएस के सचिव द्वारा बार-बार चयन प्रक्रिया पर आपत्ति करने के बाद भी इनकी नही सुनी गई । जबकि इस ट्रायल मैच में ज्यादा रन बनाने वाले, अच्छा खेलने वाले बाहर हो गए और कुल 15-20 रन एवं 1-2 विकेट लेने वाले खिलाड़ियों का चयन हुआ । पीसीसीएआई के सेकेट्ररी रवि चौहान को ऑल इंडिया क्रिकेट एसोसिएशन फ़ॉर फिजिकली चैलेंज्ड का भी सेकेट्ररी बनाया गया । डीएसएस के सचिव हारून राशीद ने बताया कि चारों संस्थाओं के मिलने का एकमात्र लक्ष्य यही था कि देश में दिव्यांग क्रिकेट के प्रति एकजुट होकर इसमें सुधार करके दिव्यांग क्रिकेट को एक नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सके और ये दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ी भी अपने देश के प्रति पूरी निष्ठा के साथ खेल सकें लेकिन ऐसा नही हो सका । मुम्बई के संस्था द्वारा बताया गया कि विश्व क्रिकेट सीरीज के लिए ट्रायल मैच,कैम्प पर लगभग ₹ 55 लाख खर्च हुए हैं । मुम्बई और फरीदाबाद संस्थाओं के लगभग कुल 82 खिलाड़ियों को चुना गया तो आगरा,लखनऊ के सिर्फ 38 खिलाड़ियों को ही लिया गया था । बता दें कि चारों संस्थाओं में देश की सबसे अग्रणी संस्थाओं में से एक डिसेबल्ड स्पोर्टिंग सोसाइटी ( नीति आयोग,भारत सरकार ) संस्था ने अब तक कुल 29 अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग क्रिकेट प्रतियोगिताएं करा चुका है जिसमें 2 एशिया कप भी शामिल है जिसमें 2015 में आगरा में दिव्यांग चैंपियन भारत रहा और कुछ माह पूर्व नेपाल में व्हीलचेयर एशिया कप में भारत उपविजेता रहा । डिसेबल्ड स्पोर्टिंग सोसाइटी के महासचिव ने इस मुम्बई में हो रहे दिव्यांग क्रिकेट में धाँधली से क्षुब्ध होकर ऑल इंडिया क्रिकेट एसोसिएशन फ़ॉर फिजिकली चैलेंज्ड से इस्तीफा दे दिया है और अब वो डिसेबल्ड स्पोर्टिंग सोसाइटी के द्वारा सम्पूर्ण भारत के दिव्यांग क्रिकेटरों को उनके सपनों को साकार करने का भरसक प्रयास करेंगे । बता दें कि अनपरा, सोनभद्र निवासी लव वर्मा आर्थिक एवं पारिवारिक कारणों से इस ट्रायल में भाग नही ले पाए थे ।

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