- एक लाख रूपये अर्थदंड, न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
- अर्थदंड की धनराशि में से 80 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी
- साढ़े 4 वर्ष पूर्व 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म का मामला
- राजेश पाठक/सर्वेश श्रीवास्तव
सोनभद्र। साढ़े चार पूर्व 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी सतीश भुईयां को 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं एक लाख रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 80 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक विंढमगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने विंढमगंज थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि करीब दो माह से उसकी 14 वर्षीय नाबालिग बेटी के साथ सतीश भुईयां पुत्र रामनाथ भुईयां निवासी धूमा, थाना विंढमगंज, जिला सोनभद्र द्वारा जबरन बलात्कार किया जा रहा था और बेटी को धमकी दिया कि किसी से भी बताओगी तो जान से मार देंगे। पीड़िता बेटी ने रोते हुए अपनी माँ से सारी घटना बताई। तब पत्नी ने उसे बताया। इस तहरीर पर 30 सितंबर 2019 को पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी सतीश भुईयां को 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं एक लाख रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 80 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।