सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोनभद्र द्वारा आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश अशोक कुमार यादव प्रथम द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। जनपद न्यायाधीश अशोक कुमार यादव ने राष्ट्रीय लोक अदालत के शुभारंभ के बाद सभी न्यायिक अधिकारी गण व अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत वादकारियों के लिए वरदान है जिसमें मामले सुलह समझौते के आधार पर समाप्त किए जा सकते हैं
एवं छोटे मामलों का त्वरित निस्तारण किया जाता है।
लोक अदालत को सफल बनाने के लिए अधिवक्ताओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि वह वादकारियों व न्यायालय के बीच की कड़ी है। लोक अदालत का सबसे बड़ा गुण निशुल्क तथा त्वरित न्याय विवादों के निपटारे का वैकल्पिक माध्यम है, इसका उद्देश्य है कि देश का कोई भी नागरिक आर्थिक या किसी अक्षमता के कारण न्याय पाने में वंचित ना रह जाए इसलिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य ‘न्याय सबके लिए हैं। इसके पश्चात जनपद न्यायाधीश ने आज असहाय दिव्यांगजनों के प्रति सामाजिक चुनौतियां जटिल हो जाती हैं ऐसे में असहाय दिव्यांगजनो का सामाजिक रूप से आत्मनिर्भर और स्वावलंबी होना आवश्यक है। इसके लिए व्हीलचेयर व इलेक्ट्रिक स्टिक व हियरिंग मशीन का वितरण किया गया। वही व्हीलचेयर पाकर दिव्यांगजनो के चेहरे खिल उठे । इस दौरान पीठासीन अधिकारी मोटर दावा दुर्घटना अधिकरण(एमए सिटी) संजय हरि शुक्ला ने कहा कि वादों के त्वरित निस्तारण के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम खलिकुज्ज्मा ने राष्ट्रीय लोक अदालत में आये सभी वादकारियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहां की राष्ट्रीय लोक अदालत एक महान पर्व है इसे उत्साह के साथ मनाना चाहिए।
प्रभारी सचिव (जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) अपर जनपद न्यायाधीश एहसानउल्लाह खा ने सभी दिव्यांगजनो को संबोधित करते हुए कहां कि अब कोई भी अक्षम व समाज के निचले पायदान में अंतिम पंक्ति में रह रहे लोगो तक आसानी से सुगम व सुलभ न्याय पहुचने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संकल्पित है। इस दौरान जिला दिव्यांगजन अधिकारी गिरजा शंकर सरोज सहित सभी न्यायिक अधिकारी व विद्वान अधिवक्ता गण उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन डिप्टी चीफ लीगल ऐड डिफेंस कॉउंसिल सत्या रमण त्रिपाठी ने किया।