“टी विथ अंकिता खत्री” सेशन 3 में देश की ख्यातिलब्ध लोक गायिका पदमश्री मालिनी अवस्थी ने अपने व्यक्तिगत जीवन के अनेक पक्ष साझा किए।

पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट

वाराणसी।”टी विथ अंकिता खत्री” सेशन 3 में देश की ख्यातिलब्ध लोक गायिका पदमश्री मालिनी अवस्थी ने अपने व्यक्तिगत जीवन के अनेक पक्ष साझा किए। आरंभ किया श्री राम जन्मभूमि शिलान्यास के अवसर पर अपनी गायी हुई स्तुति श्री राम चन्द्र कृपालु भजमन से। 5 अगस्त को अयोध्या में अपनी उपस्तिथि में जो उल्लास देखा उसका वर्णन किया।
मालिनी अवस्थी से अंकिता खत्री की बात चीत मुख्य रूप से महिलाओं के जीवन पर केंद्रित रही। उन्होंने अपने विवाह और पारिवारिक परिस्तिथियों का उदहारण देते हुए को शिव जैसे पति की चाहत रखने वाली नव युवतियों को सती जैसी समर्पिता बनने को प्रेरित किया। रिश्तों की नाज़ुक डोर को संभालते हुए अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहने के गुण विकसित करने पर बल दिया।
मालिनी अवस्थी लॉक डाउन में लगातार अपने प्रशंसकों के साथ “मुलाकात मालिनी के साथ” और “मालिनी की पाठशाला” के माध्यम से जुड़ी रहीं। इस करोना काल मे उनकी इस ऊर्जा और उत्साह के बारे में जब अंकिता ने जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि बचपन से ही वो hyperactive child रही हैं। अनेक गतिविधियों में प्रतिभाग लेना और अपनी कलात्मक ऊर्जा को दिशा देने उनका स्वभाव है। साथ ही असंख्य लोगों से जुड़ने की ललक उन्हें प्रोत्साहित करती है। अपने कॉलेज के दिनों से जुड़ी आत्मीय बातें बताते हुए हंसी भी तो वैवाहिक जीवन मे परस्पर संघर्ष और त्याग का उल्लेख करते हुए भावुक हो उठी।

मालिनी अवस्थी जी के विश्व के कोने-कोने से जुड़े प्रशंसक इस लाइव सेशन में अपनी मन की बात उन तक पहुंचते रहे । पाकिस्तान के युवक हमज़ा ने कहा कि मालिनी जी पर बायोपिक बननी चाहिए जिससे ज़मीन से जुड़कर कैसे आसमान छुआ जा सकता है ये संदेश दिया जा सके। प्रख्यात सितार वादक फ़तेह अली खान ने लिखा कि आपमो देखकर बहुत खुशी हो रही हैं इंशाअल्लाह जल्दी मुलाक़ात हो। डॉ शैलेश मालवीय ने पुरानी राम धुन को नए प्रयोग के साथ प्रस्तुत करने पर साधुवाद दिया।
नई दिल्ली के राजेश गोयल , शारदा चतुर्वेदी , चंडीगढ़ से चंद्र प्रकाश शर्मा , लखनऊ से प्रदीप श्रीवास्तव सहित महिलाओं का एक बड़ा वर्ग लगातार अपनी प्रतिक्रियाएं देता रहा जिनमे प्रमुख रूप से शिप्रा भार्गव, वीना अग्निहोत्री, वरिष्ठ समाज सेवी श्रीमती मीना चौबे, दीप्ति श्रीवास्तव, सोनी चौरसिया, संध्या ओझा , वरिष्ठ कलाकार सुधा रघुरामन, डॉ मंजू द्विवेदी , सविता सिंह , मधुलिका मिश्रा, प्रियंका अग्रहरि, निर्मला सिंह आदि रहीं।
काशी के बारे में अपनी स्मृतियाँ साझा करते हुए मालिनी अवस्थी ने कहा कि “काशी तो मेरे गुरु का घर है” और इसलिए अपनी गुरु पदमविभूषण गिरिजा देवी को नमन हुए हुए उनसे सीखा भगवान राम का एक “झूला” सुनाया जिसके बोल थे “सिया संग झूले बगिया में राम ललना”।

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