दिल्ली।भारत’ के तहत मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक मिशन की स्थापना करने के निर्णय और शिक्षण परिणाम (लर्निंग आउटकम) केंद्रित दृष्टिकोण की ओर ‘समग्र शिक्षा’ के फोकस के मद्देनजर यह अत्यंत आवश्यक है कि एनसीईआरटी प्रभावकारी एवं समयबद्ध ढंग से इन्हें लागू करने के लिए आवश्यक संसाधन विकसित करे। इससे विद्यार्थियों के शिक्षण परिणामों और शिक्षण यानी सीखने के स्तरों में सर्वांगीण सुधार का मार्ग प्रशस्त होगा। इसे ध्यान में रखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग (डीओएसईएल) ने एनसीईआरटी को वर्ष 2020-21 में प्राथमिकता के आधार पर निम्नलिखित कार्य करने का निर्देश दिया है:
शिक्षण परिणाम (एलओ)
एनसीईआरटी द्वारा तैयार किए गए ग्रेड 1-10 हेतु शिक्षण परिणामों के कार्यान्वयन के लिए।
प्रत्येक विषय के लिए और प्रत्येक ग्रेड के लिए प्रत्येक लर्निंग आउटकम की व्याख्या करने वाले इन्फोग्राफिक्स/पोस्टरों/प्रस्तुतियों को पूरा कर लिया जाएगा – कक्षा 1 से 5 के लिए अक्टूबर, 2020 तक; कक्षा 6 से 12 के लिए मार्च, 2021 तक।
प्रत्येक ग्रेड के शिक्षकों के लिए ऑनलाइन शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम – कक्षा 1 से 5 के लिए विभिन्न चरणों में दिसंबर, 2020 तक; कक्षा 6 से 12 के लिए विभिन्न चरणों में जून, 2021 तक।
कोविड-19 काल में विशेषकर किसी भी तरह की डिजिटल/ऑनलाइन पहुंच सुविधा से वंचित शिक्षार्थियों हेतु पूरे पाठ्यक्रम के लिए पूरक/वैकल्पिक अकादमिक शिक्षण सामग्री तैयार करें – कक्षा 1 से 5 के लिए विभिन्न चरणों में दिसंबर, 2020 तक; कक्षा 6 से 12 के लिए विभिन्न चरणों में जून, 2021 तक।
प्रवीणता के कम से कम दो स्तरों पर प्रत्येक ग्रेड के लिए हर विषय के प्रत्येक लर्निंग आउटकम को मापने के लिए प्रत्येक में कम से कम 10 आइटम/प्रश्न तैयार किए जाएंगे – कक्षा 1 से 5 के लिए नवंबर, 2020 तक; शेष कक्षाओं के लिए मार्च, 2021 तक।
एनएएस, 2017 के आधार पर एनसीईआरटी द्वारा हार्ड स्पॉट्स की पहचान की गई है। हार्ड स्पॉट्स को सरल एवं स्पष्ट करने के लिए सामग्री तैयार की जाएगी – कक्षा 1 से 5 के लिए दिसंबर, 2020 तक; शेष कक्षाओं के लिए मार्च, 2021 तक।
नया राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क (एनसीएफ)
स्कूली शिक्षा के लिए नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) की भी शुरुआत कर दी गई है। यह उम्मीद की जा रही है कि एनसीईआरटी नए एनसीएफ के अनुसार ही पाठ्यपुस्तकों में परिवर्तन करेगी। विषय विशेषज्ञ स्कूली शिक्षा के लिए इस प्रक्रिया को शुरू करेंगे और दिसंबर 2020 तक अंतरिम रिपोर्ट देंगे।
पाठ्यपुस्तकों को नया स्वरूप देते समय यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पाठ्यपुस्तकों में सिर्फ मुख्य सामग्री ही हो। इसके अलावा एक बात यह भी है कि पाठ्यपुस्तकों का ज्ञान संबंधी भार बेहद अधिक है। अतिरिक्त विषय क्षेत्रों जैसे कि रचनात्मक चिंतन, जीवन कौशल, भारतीय लोकाचार, कला, एवं एकीकरण, इत्यादि को एकीकृत करने की आवश्यकता है। एनसीईआरटी इसके साथ ही नई पाठ्यपुस्तकों के लेआउट और डिजाइन पर भी काफी पहले से ही काम करना शुरू कर देगी। हालांकि, नई पाठ्यपुस्तकों को नए एनसीएफ के आधार पर ही लिखा जाएगा। नया एनसीएफ मार्च 2021 तक तैयार हो जाने की उम्मीद है।
‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत ‘पीएम ई-विद्या’ के लिए एनसीईआरटी द्वारा स्वयं प्रभा चैनलों (1 कक्षा 1 चैनल) हेतु कक्षा 1-12 के लिए सामग्री (कंटेंट) तैयार करने और इसी साल अगस्त तक चैनल शुरू कर देने की भी उम्मीद है।