बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)
कई अध्यापक विद्यालय से रहे नदारद।
बभनी। गुरुवार को विकासखंड के दर्जनों विद्यालयों में बच्चों को दूध नहीं पिलाया गया था। जहां शासनादेश के अनुसार सप्ताह में प्रत्येक बुद्धवार के दिन समस्त प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को दूध पिलाया जाना चाहिए परंतु बुद्धवार को अवकाश होने के कारण दूध न देकर अगले दिन गुरुवार को पिलाया जाना था परंतु नहीं पिलाया गया। वहीं कई विद्यालयों में बच्चों को दूध पिलाया ही नहीं गया था कुछ महीनों पहले जनपद के ही एक विद्यालय में एक लीटर में 81 बच्चों के दूध पिलाने का मामला सामने आया है जिससे संबंधितों पर तत्काल कार्रवाई हुई थी वहीं बभनी विकास खंड के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय करकच्छी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय बजिया प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय आसनडीह प्राथमिक विद्यालय बरवाडांड़ प्राथमिक विद्यालय जोबेदह पिपराखांड़ समेत कई विद्यालयों में बच्चों को दूध पिलाया ही नहीं गया था और कई अध्यापक गायब मिले। जब इस संबंध में प्रभारी खंड शिक्षा अधिकारी आलोक कुमार से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि अभी हम अपने कुछ अध्यापकों को भेंज रहे हैं मामले को देखते हुए संबंधितों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
प्राथमिक विद्यालय सड़क टोला में एमडीएम मामले की भी अबतक नहीं हुई कोई कार्रवाई।
बभनी। विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय सड़क टोला में 27 फरवरी को एमडीएम नहीं बना था जिस मामले की खबरें भी प्रकाशित हुई थी और इतने दिनों के बीत जाने के बाद भी किसी के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की गई जबकि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी अपने बयान में कहा था कि मामले की जांच कराकर संबंधितों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी परन्तु इसके बावजूद अबतक केवल जांच के नाम पर खानापूर्ति ही रह गया कोई भी कार्रवाई नहीं की गई ठीक उसके दूसरे दिन प्राथमिक विद्यालय कारीडांड़ रसोईयों व आंगनबाड़ी के सहारे चलाया जा रहा था इस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। उक्त मामलों को देखते हुए छ: माह से ख़बर प्रकाशन के दौरान कई मामले सामने आए परंतु अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। बताते चलें कि बेसिक शिक्षा विभाग के भ्रष्टाचार की चर्चा सुर्खियों में है जैसे कि अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों की दशा हो घर बैठे बेतन पा रहे शिक्षकों का मामला हो चाहे एमडीएम न बनने का मामला हो या विद्यालय बंद होने की स्थिति हो जैसे कई खबरें प्रकाशित हुईं परंतु अधिकारियों के द्वारा जांच के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है जिससे बभनी की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बेपटरी हो गई है। उक्त के संबंध में जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डाॅ.गोरखनाथ पटेल से संपर्क किया गया तो उन्होंने कोई स्पष्ट बात न करते हुए बताया कि बताते हैं कहकर फोन काट दिए।