सोनभद्र(शिव प्रकाश पाण्डेय) जनता दल यूनाइटेड के जिलाध्यक्ष संतोष पटेल एडवोकेट ने शुक्रवार को जिलाधिकारी से मिलकर कहा कि जहां एक ओर अन्नदाता किसानों की आय दुगुनी करने के लिए सरकार प्रतिदिन नए प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर सरकारी मशीनरी में बैठे लोग बिचैलियों के माध्यम से किसानों का हक मारने के सारे रिकार्ड तोड़ने में महारत हासिल करने में लगे हुए हैं। किसानों की बेच को सही दाम देने के लिए जिले में तमाम संस्थाओं ने धान खरीद का काम किया।
जिनमें से अकेले नाफेड के केंद्र प्रबंधकों एवं बिचैलियों की मिली-भगत ने करोड़ों का घोटाला कर किसानों का हक मारने का काम किया। इस दौरान संबंधित समस्त खरीद केंद्रों पर स्थानीय क्षेत्रीयता से बाहर जाकर एक साथ 15-20 दिन तक केवल और केवल भैसवार गांव के किसानों की फर्जी खतौनी के आधार पर लगभग 21,412 कुंतल धान की खरीद दिखाकर 3,92,90,653 रू0 का भारी घोटाला किया गया है। इतना ही नहीं जिले के बाहर गाजीपुर जनपद के किसानों तक को यहां से धान खरीद का भुगतान कर घोटाला किया गया है। श्री पटेल ने जिलाधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र में स्पष्ट कहा कि नाफेड (नेशनल एग्रीकल्चरल को-आॅपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन आॅफ इंडिया लि0) के करमा- घोरावल क्रय केंद्र पर दिनांक 01.01.2020 से 21.01.2020 तक के बीच कुल 46 किसानों का धान खरीद किया गया है। जिसके एवज में भैसवार के किसानों को कुल रू0 1,19,09,150 अदा किया गया। इसी तरह नाफेड के खैरपुर- घोरावल क्रय केंद्र पर दिनांक 31.12.2019 से 15.01.2020 तक के बीच कुल 45 किसानों का धान खरीद तथा कुल रू0 94,45,846 तथा नाफेड के कनहारी- घोरावल क्रय केंद्र पर दिनांक 03.01.2020 से 20.01.2020 तक के बीच कुल 33 किसानों का धान व रू0 98,89,182 तथा नाफेड के इमलीपुर- घोरावल क्रय केंद्र पर दिनांक 10.01.2020 से 15.01.2020 तक के बीच कुल 18 किसानों का धान खरीद व रू0 31,33,079 तथा पीसीएफ (उत्तर प्रदेश सहकारी संघ) मुसहा- घोरावल क्रय केंद्र पर दिनांक 13.12.2019 से 17.12.2019 तक के बीच कुल 14 किसानों का धान खरीद किया गया है। जिसके एवज में कुल रू0 22,02,000 किसानों को अदा किया गया। गौरतलब है कि उक्त सभी किसान भैसवार गांव के ही रहने वाले हैं। इस बीच इन केंद्रों पर किसी भी दूसरे गांव के किसी किसान के धान की खरीद नहीं की गयी है। यहां स्वाभाविक सा प्रश्न खड़ा हो जाता है कि आरोपित सभी धान क्रय केंद्र केवल एक गांव के ही किसानों के लिए 25-30 किमी0 के क्षेत्र में स्थापित किए गए थे। श्री पटेल का स्पष्ट कथन है कि यदि ऐसा होता तो सीधे तौर पर भैसवार गांव में ही एक केंद्र खोल दिया जाता। फिर भी अन्य तीन- चार केंद्र तब भी तो सही ढ़ंग से काम करते। इतना ही नहीं धान खरीद का पैसा किस कदर लूटा गया है इसकी एक बानगी यह भी है कि गाजीपुर जनपद निवासी कपूरचंद को रू0 3,28,098 तथा मीना देवी को रू0 2,58,368 दिनांक 22.12.2019 को अदा किया गया है। जदयू जिलाध्यक्ष श्री पटेल ने करोड़ों रू0 के आर्थिक घोटाले का पर्दाफाश करते हुए जिलाधिकारी से न केवल उक्त प्रकरण की अपितु पूरे जिले के धान खरीद केंद्रों की मजिस्ट्रेटी जांच एवं दोषियों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग की है। और विश्वास जताया कि मजिस्ट्रेटी जांच के बाद पूरे जिले में इस अरबों रू0 के घोटाले का पर्दाफाश हो जाएगा।