सोनभद्र(शिव प्रकाश पाण्डेय) सीएनडीएस विभाग द्वारा अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ई टेंडरिंग में निविदा को गलत ढंग से प्रकाशन करने का मामला उस वक्त प्रकाश में आया जब सांसद पकौड़ी लाल कोल के निर्देशानुसार उनके निजी सचिव

कुलदीप सिंह पटेल ने प्रभारी मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी को प्रार्थना पत्र के माध्यम अवगत कराया कि 22 जनवरी 2020 को सीएनडीएस विभाग द्वारा शक्तिनगर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण साडा सोनभद्र के तहत विभिन्न कार्यों के संबंध में टेण्डर प्रकाशित किया गया। वित्तीय वर्ष 2019/2020 में 25 जुलाई 2019 को 20 कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई थी और उन कार्यों पर 33% प्रतिशत धन भी स्वीकृत कर दिया गया। उनमें से 7 कार्य का टेण्डर प्रकाशित किया गया है जिसका क्रमांक कार्य के विवरण के अनुसार 4,5,8, 10, 11, 13, 17 पर अंकित है। जबकि उसके छह महीने बाद टेण्डर प्रकाशित हुआ। उक्त छह महीने में पूरी प्लानिंग बनाकर टेण्डर प्रकाशन में ही परियोजना प्रबंधक शाहिद अली द्वारा जानबूझकर ऐसी नियम एवं शर्तें डाली गई जिससे यहा का स्थानीय बेरोजगार ठेकेदार उस दायरे में नहीं आ सके। जबकि शासन की मंशा है कि ई टेण्डरिंग के माध्यम से पारदर्शिता के साथ साथ अधिक से अधिक लोग इसमें प्रतिभाग कर सकें और अधिक प्रतिस्पर्धात्मक दरें आ सके। परन्तु परियोजना प्रबन्धक द्वारा ऐसा नहीं किया गया और जानबूझकर भ्रष्टाचार करने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है जिसका उदाहरण इस प्रकार है।

…..परसेंटेज बिल आफ क्वालिटी मे पूरे कार्य को एक पैकेज बनाकर दिखाया गया जबकि सभी कार्य अलग-अलग ब्लाकों और अलग-अलग गांवो में हैं। तकनीकी व व्यावहारिक रूप से भी किसी एक फर्म द्वारा कार्य कराना संभव नहीं हो पायेगा और कार्य भी गुणवत्ता पूर्वक नहीं हो पायेगा।कार्य विवरण आइटम डिस्क्रिप्शन मे कॉस्ट आफ बिलिंग वर्क दिखाया गया है। जबकि कार्य रपटा, चेकडैम, सीसी रोड अलग अलग है। उक्त विभाग द्वारा अनुभव में ठेकेदारों से मांगा गया है कि जो शक्तिनगर विकास प्राधिकरण क्षेत्र के अंतर्गत के गांव में कार्य किए हुए हैं उन्हीं का अनुभव माना जाएगा। वहीं प्रभारी मंत्री को शिकायती पत्र के माध्यम से बताया गया कि 10 से 20 कि0मी रोड एक साथ होती है

तो उसका एक पैकेज होता है,परन्तु अलग-अलग प्रकृति के कार्यों में व अलग-अलग ब्लॉकों एवं अलग-अलग गांवो के कार्यों का एक टेण्डर नहीं होता है जो सरासर गलत और नियम विरुद्ध है। प्रभारी मंत्री का उक्त बिंदुओं पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए पारदर्शिता पूर्वक निविदा कार्य कराने हेतु जांच कर निविदा का पुन: प्रकाशन अलग-अलग कार्यों के लिए कराया जाय जिससे अधिक से अधिक लोग निविदा प्रक्रिया में प्रतिभाग कर सके और शासन के ई टेण्डरिंंग प्रक्रिया का लोकहित में पारदर्शिता पूर्वक पालन हो सके।
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