
बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)
किया जा रहा लाखों का कारोबार।
UP 64 H 9868 नंबर की पिकअप लोडकराकर आंगनबाड़ी केंद्रों पर भेंजा जाता है बाल पोषाहार।
बभनी। विकास खंड में मिक्सिंग प्लांट का कारोबार तेजी से चल रहा है जिसका कोई लाईसेंस भी नहीं है यहां मिलों में चावल के भूसे के साथ मक्का गेहूं व जो आदि अनाजों को पीसकर पशु आहार बनाया जाता है। जब सूत्रों के द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार पता चला कि विकास खंड बभनी में मुख्यालय से दो किलोमीटर की दूरी पर बसकट्टा गांव में विजय कुमार गुप्ता का घर है जहां मील में मिक्सिंग का कारोबार किया जाता है जब वहां बुद्धवार को मौके पर पहुंचकर देखा गया तो वहां मिल के पास बोड़ियों में पैककर पशु आहार तैयार कर लिया गया था जब

विजय कुमार गुप्ता से इस संबंध में पूछा गया तो उसने बताया कि बीस रुपए किलो मक्का खरीदकर धान के भूसे में मिक्चर कर बाहर भेजा जाता है और उससे यह बात पूछा गया कि पशु आहार बिकता कैसे है तो उसने बताया कि अट्ठारह रुपए किलो यह बात आश्चर्य जनक लगती है कि कोई भी व्यापारी बीस रुपए किलो मक्का खरीदकर अट्ठारह रुपए किलो बाहर लेजाकर कैसे बेंच सकता है और क्षेत्र में इस बात की भी चर्चा थी कि उसकी पिकअप बाल विकास परियोजना में बाल पोषाहार में भी लोडिंग कर बाल पोषाहार आंगनबाड़ी केंद्रों पर भेंजा जाता है जब इस इस बात की जानकारी बाल विकास परियोजना के लीपिक बलवंत विश्वकर्मा से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि UP 64 H 9868 नंबर की गाड़ी विजय कुमार गुप्ता की है जो बाल विकास परियोजना में लोडिंग कर आंगनबाड़ी केंद्रों पर भेंजा जाता है यदि मामला इस तरह का है तो आज से यह गाड़ी नहीं चलवाई जाएगी। यह बात संदेहात्मक लगती है कि जब अगले के द्वारा मक्के का मिक्सचर कर पशु आहार पैक कर बाहर भेंजकर इतना बड़ा कारोबार किया जा सकता है तो क्या बाल पोषाहार भी तो मिलाया जा सकता है परंतु वहां बाल पोषाहार न मिल पाने के कारण कुछ भी कह पाना असंभव है। वहां मौजूद एक लड़के ने बताया कि महीने में दो पिकअप पशु आहार अंबिकापुर भेंजा जाता है जबकि देखा जाए तो धान का भूसा खिलाने से गाय का दूध देना कम हो जाता है इस तरह की कालाबाजारी कर रहे लोगों पर रोक लगाते हुए मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
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