घोटाले की तह तक जाने हेतु प्राविडेण्ट फण्ड घोटाले के आरोपी पॉवर कारपोरेशन के पूर्व चेयरमैनों को गिरफ्तार किया जाए:
संघर्ष समिति की 10 दिसम्बर को मीटिंग
लखनऊ।विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति,उप्र ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर पुनः मांग की है कि पावर सेक्टर इम्पलाइज ट्रस्ट में जमा धनराशि के भुगतान के बारे में विगत 23 नवम्बर को प्रमुख सचिव ऊर्जा द्वारा जारी आदेश पर वित्त विभाग का अनुमोदन लेते हुए गजट नोटिफिकेशन जारी किया जाए जिससे बिजली कर्मचारी बिना तनाव के पूर्ण निष्ठा से बिजली आपूर्ति के अपने कार्य मे जुटे रह सकें।संघर्ष समिति ने पत्र में मांग की है कि घोटाले के दोषी पावर कारपोरेशन के पूर्व चेयरमैनों को घोटाले की तह तक जाने हेतु गिरफ्तार किया जाना जरूरी है।
संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री की 02 नवम्बर की घोषणा के बावजूद एक माह से अधिक समय व्यतीत हो जाने के बाद भी सी बी आई जांच शुरू न होने पर आक्रोश व्यक्त किया है। संघर्ष समिति ने आज कहा कि डी एच एफ एल के रीजनल हेड की घोटाले में गिरफ्तारी से स्पष्ट हो गया है कि घोटाले में पावर कारपोरेशन और डी एच एफ एल के शीर्ष अधिकारी सम्मिलित हैं।ऐसे में घोटाले की अवधि मे जो लोग भी पवार कारपोरेशन के चेयरमैन और एम डी रहे हों उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाना जरूरी है।पी एफ घोटाले में आगे की रणनीति तय करने हेतु संघर्ष समिति की 10 दिसम्बर को मीटिंग बुलाई गई है।
उल्लेखनीय है कि ट्रस्ट के माध्यम से कर्मचारियों के जीपीएफ व सीपीएफ की धनरशि गौरकानूनी ढंग से अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक की सूची में न आने वाले डीएचएफएल कम्पनी में निवेश की गयी जिसकी जिम्मेदारी पावर कारपोरेशन व ट्रस्ट के चेयरमैन की है। संर्घर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि डीएचएफएल में निवेश करना ही गलत था किन्तु यह निवेश एफडी में किया गया जो और भी असुरक्षित था जिसके लिए सबसे अधिक दोषी तत्कालीन चेयरमैन हैं ।
संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों शैलेन्द्र दुबे,राजीव सिंह,गिरीश पाण्डे, सदरूद्दीन राना, सुहेल आबिद,शशिकांत श्रीवास्तव, विपिन प्रकाश वर्मा,डी के मिश्र,महेंद्र राय,पी एन तिवारी,मो इलियास,पी एन राय, करतार प्रसाद,परशुराम,कुलेन्द्र सिंह,ए के श्रीवास्तव, आर एस वर्मा,भगवान मिश्र,पूसे लाल,पी एस बाजपेई ने आज यहाँ जारी बयान में कहा कि प्रोविडेन्ट फण्ड के भुगतान का गजट नोटिफिकेशन जारी किया जाना आवश्यक है ।