ऊर्जा निगमों में नित नये प्रयोगों की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाते हुए बिजली निगमों का एकीकरण किया जाये

ऊर्जा निगमों में नित नये प्रयोगों की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाते हुए बिजली निगमों का एकीकरण किया जाये : अभियन्ताओं की सुरक्षा हेतु ‘‘इंजीनियर्स प्रोटेक्शन एक्ट’’ तत्काल लागू किया जाये :

सभी कन्सलटेन्टों के अनुबन्ध समाप्त कर प्रत्येक कन्सलटेन्ट से विभाग को हुए लाभ- हानि पर श्वेत पत्र जारी किया जाये :

मीटिंगों/वीडियो कॉन्फ्रेसिंग की संख्या कम की जाये तथा समीक्षाओं/विभागीय कार्यवाहियों के नाम पर

अभियन्ताओं का उत्पीड़न बन्द किया जाये : व्यवहारिक स्थानान्तरण नीति बनाई जाये :

लखनऊ।ऊर्जा निगमों में नित नये प्रयोगों की प्रवृत्ति से बढ़ रहे घाटे को कम करने एवं विभिन्न ऊर्जा निगमों के बढ़ते प्रशासनिक खर्चों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण किये जाने, अभियन्ताओं पर दिन-प्रतिदिन हो रहे जानलेवा हमलों को देखते हुए उनकी सुरक्षा की गारण्टी दिये जाने तथा ‘‘इंजीनियर्स प्रोटेक्शन एक्ट’’ तत्काल लागू करने, ऊर्जा निगमों में बड़ी संख्या में रखे गये सभी कन्सलटेन्टों के अनुबन्ध समाप्त कर प्रत्येक कन्सलटेन्ट से विभाग को हुए लाभ-हानि पर श्वेत पत्र जारी करने, मीटिंगों/वीडियो कॉन्फ्रेसिंग की संख्या कम करने, समीक्षाओं/विभागीय कार्यवाहियों के नाम पर अभियन्ताओं का उत्पीड़न बन्द करने की मांग आज विद्युत अभियन्ताओं ने की है। विदित हों कि विद्युत अभियन्ता संघ की आज केन्द्रीय कार्यकारिणी की बैठक हाईडिल फील्ड हॉस्टल में सम्पन्न हुई जिसमें पूरे प्रदेश से तमाम पदाधिकारी शामिल हुए एवं ऊर्जा निगमों की बेहतरी एवं विद्युत अभियन्ताओं की ज्वलन्त समस्याओं पर चर्चा की गयी।
विद्युत अभियन्ता संघ के महासचिव राजीव सिंह एवं अध्यक्ष जी के मिश्रा ने आज बयान जारी कर बताया कि विगत 20 वर्षों में ऊर्जा निगमों में नित नये-नये प्रयोगों से विभाग का घाटा 77 करोड़ रूपये से बढ़कर 85 हजार करोड़ रूपये से अधिक हो गया है एवं विद्युत परिषद के विघटन से बने 09 ऊर्जा निगमों का प्रशासनिक खर्च भी कई गुना बढ़ गया है परन्तु विघटन के अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं हुए हैं बल्कि ऊर्जा निगम लगभग तबाही की कगार पर हैं। अतः विद्युत क्षेत्र को बचाये रखने एवं प्रदेश की जनता को सस्ती बिजली दिये जाने के लिए यह आवश्यक है कि निजी क्षेत्र पर अति निर्भता समाप्त की जाये तथा सभी ऊर्जा निगमों पर एकीकरण कर उ0प्र0 राज्य विद्युत परिषद का गठन किया जाये।
उन्होंने आगे बताया कि ऊर्जा निगम द्वारा अभियन्ताओं के किये जा रहे उत्पीड़न तथा अभियन्ताओं के साथ आये दिन हो रही मार-पीट एवं जानलेवा हमलों से बिजली अभियन्ताओं में भय व्याप्त है। अतः सरकार को अभियन्ताओं को सुरक्षा की गारण्टी देते हुए इंजीनियर्स प्रोटेक्शन एक्ट तत्काल लागू किया जाना चाहिए। ऊर्जा निगमों में तमाम तरह के कन्सलटेन्ट रखे गये हैं जिनपर करोड़ों रूपये खर्च हो रहे हैं तथा विभाग को इनका कोई लाभ नहीं मिल रहा है बल्कि विभाग पर बोझ हैं। अतः इन सभी कन्सलटेन्टों का अनुबन्ध समाप्त किया जाये तथा इन कन्सलटेन्टों से विभाग को हुई लाभ-हानि पर श्वेत पत्र जारी किया जाये।
विद्युत अभियन्ताओं ने ऊर्जा निगमों में स्थानान्तरण नीति के नाम पर विगत वर्ष अभियन्ताओं के भारी संख्या में किये गये नियमविरूद्ध एवं अव्यवहारिक स्थानान्तरणों को तत्काल निरस्त करने तथा स्थानान्तरण नीति में तकनीकी एवं व्यवहारिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए संशोधन करने की मांग की है।
आज हुई बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष जी0के0 मिश्रा ने की। बैठक में मुख्य रूप से राम प्रकाश, डी0सी0 दीक्षित, सी0वी0एस0 गौतम, संदीप राठौर, बी0एन0 सिंह, जे0एस0 राय, आर0सी0 पाण्डेय, ए0एन0 सिंह, पी0के0 पाण्डेय, विजय गुप्ता, जे0एस0 मिश्रा, अंकुर भारद्वाज, अजय द्विवेदी, संदीप अग्रवाल, कौशल किशोर वर्मा, प्रभात, पल्लव मुखर्जी, सुनील यादव, अविनाश पटेल, शिवम् त्रिपाठी, विजय प्रताप तिवारी, अदालत वर्मा, गौरव ओझा, आलोक श्रीवास्तव, अजय कटियार, ओ0पी0 सिंह, शशांक चौधरी, संतोष यादव, अरूण कुमार सिंह, दीपक मिश्रा, आदि बैठक में सम्मिलित हुए।

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