योगी राज में दुद्धी का विकास अवरूद्ध- अखिलेन्द्र

किसानों को नहीं मिल रहा केसीसी में लोन

आदिवासी बच्चियों को नहीं मिल रही छात्रवृत्ति

अखिलेन्द्र ने किया विभिन्न गांवों में जन संवाद
म्योरपुर, सोनभद्र 14 जनवरी 2020,। देश के अत्यधिक पिछड़े जिले सोनभद्र और उसमें भी सर्वाधिक पिछड़े आदिवासी बाहुल्य दुद्धी तहसील में योगी राज में विकास कार्य अवरूद्ध है। किसानों को किसान क्रंडिट कार्ड में बैंकों द्वारा लोन नहीं दिया जा रहा है और उसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है, आदिवासी बच्चे-बच्चियों को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है, मनरेगा ठप्प पड़ी हुई है, वनाधिकार कानून को लागू कर पुश्तैनी कब्जे वाली वनभूमि पर पट्टा नहीं दिया जा रहा है। हालत इतनी बुरी है कि बड़ी संख्या में गांव में लोग बीमार है, मर रहे है लेकिन इलाज तक का इंतजाम नहीं है। दुद्धी के समग्र विकास के लिए जनअभियान चलाया जायेगा और मुख्यमंत्री को पत्रक भेजकर विशेष पैकेज की मांग की जायेगी। यह बातें आज म्योरपुर व बभनी के रासपहरी, पोखरा, घघरा, घनखोर, खैराही, जामपानी, करहिया समेत विभिन्न गांवों में लोगों से जनसंवाद करते हुए स्वराज अभियान के राष्ट्रीय नेता अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने कहीं।
उन्होंने कहा कि दुद्धी वह क्षेत्र है जहां आज भी लकड़ी के हल बैल से खेती होती है। बरसाती नालों, कच्चे कुओं, चुआड़ और बांधों से लोग पानी पीते है। इस जहरीले पानी को पीने से ग्रामीण फ्लोरोसिस जैसी लाइलाज बीमारी से विकलांग हो जा रहे है, मलेरिया, टाइफाइड़, हैजा से मर रहे है। कई गांवों में तो जाने का साधन तक नहीं है। लेकिन इस क्षेत्र के विकास के लिए किसी सरकार व जनप्रतिनिधि ने कुछ नहींे किया। जबकि दुद्धी के विकास के लिए सहकारी खेती, सहकारी बैंकों द्वारा सस्ते ब्याज दर पर किसानों को लोन, कृषि आधारित उद्योग, गांवस्तर पर फसल की सरकारी खरीद की गारंटी, वनाधिकार में हर कब्जाधारी को पट्टा, शुद्ध पेयजल, हर ब्लाक में डिग्री व इंटरमीडियड कालेज का निर्माण, दो-तीन गांव का कलस्टर बनाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा चिकित्सा सुविधा देना, मनरेगा में हर हाल में सौ दिन काम व मजदूरी का समयबद्ध भुगतान ऐसे काम है जो हो सकते है और जिन्हें करना जरूरी है। इन सवालों को जनराजनीति हल करेगी और दुद्धी का समग्र विकास सुनिश्चित करेगी। उन्होंने इस जनराजनीति की मजबूती के लिए ग्रामीणों से बड़ी संख्या में मजदूर किसान मंच से जुडने का आव्हान भी किया।
उन्होंने ग्रामीणों को सचेत करते हुए कहा कि संशोधित नागरिकता कानून भारतीयों का अपमान है और यह दलित, आदिवासी समाज तबकों के विरूद्ध है। यह कानून आरएसएस-भाजपा की हिन्दू राष्ट्र बनाने की सनकरभरी योजना का हिस्सा है। कोई भी धर्म आधारित राष्ट्र नागरिकता विरोधी है और नागरिक अधिकारों को खत्म करता है। इसलिए धर्म के आधार पर नागरिकों में विभेद करने वाले इस कानून और नागरिकता रजिस्टर बनाने के सरकार के मंसूबों के विरूद्ध आदिवासी, दलित व गरीब समाज को खड़ा होना चाहिए।
बैठकों में स्वराज अभियान नेता दिनकर कपूर, युवा मंच संयोजक राजेश सचान, कृपाशंकर पनिका, राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, मंगरू प्रसाद श्याम, मनोहर गोंड़, दलबीर खरवार, रामदेव गोंड़, इंद्रदेव खरवार, रूबी गोंड़, सिंह लाल आदि ने भी अपनी बात रखी।

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