विदेशों में साड़ियों की मांग घटी, बाहरी व्यापारी पहले 75% साड़ी खरीदते थे; अब कुर्ती की डिमांड

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सूरत. विदेश में रहने वाली भारतीय महिलाओं का रुझान साड़ी की प्रति कम हो गया है। अब वह कुर्ती-ड्रेस और दूसरे रेडीमेड गारमेंट ज्यादा पसंद कर रही हैं। इसकी वजह से सूरत से ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूएस, कनाडा और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों से सूरत को साड़ी की बजाय कुर्ती के ऑर्डर ज्यादा मिल रहे हैं। इन देशों से कपड़ा खरीदने सूरत आने वाले व्यापारी अब रेडीमेड गारमेंट ज्यादा खरीद रहे हैं। पहले अधिकतर विदेशी व्यापारी 75% साड़ी ही खरीदते थे।

25 लाख रुपए की खरीदारी, लेकिन साड़ी एक भी नहीं ली
यूएस में इंडिया साड़ी पैलेस के नाम से कारोबार करने वाला एक व्यापारी सूरत आया और उसने 25 लाख रुपए (35000 डॉलर) की कुर्ती, ड्रेस और दूसरे गारमेंट की खरीदारी की, लेकिन एक भी साड़ी नहीं ली। न्यूजीलैंड, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के व्यापारियों ने भी मुश्किल से 5% ही साड़ी खरीदीं।

साड़ी बनाने वाली कंपनियां अब रेडीमेड गारमेंट भी बनाने लगीं
जो कंपनियां पहले सिर्फ साड़ी ही बनाती थीं, वो भी अब कुर्ती, गाउन जैसे गारमेंट का काम भी करने लगी हैं। इस समय सूरत में कुर्ती के 200 से ज्यादा डिजाइन बिक रहे हैं। कारोबारी जिनेश जैन ने बताया कि जनवरी से अप्रैल के बीच यहां ज्यादा विदेशी व्यापारी कपड़ा खरीदने आते हैं। कई व्यापारी ऐसे होते हैं जो साल में एक ही बार खरीदारी करते हैं।

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प्रतीकात्मक।

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