मंत्री के आदेश पर हुए तबादले को अधिकारियों ने दिखाया ठेंगा

सोनभद्र(रवि पाण्डेय/अरविंद पांडेय)
2019 की नैया कैसे पार करेगी मोदी सरकार
योगी सरकार के राज्य मंत्री का भी आदेश बेकार
2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्दे नजर एक ओर जहां देश और प्रदेश में भाजपा की सरकार अपनी स्वच्छ छवि और ईमानदारी के एजेंडे को हथियार बनाकर चुनावी समर का महा युद्ध जितने की जुगत में ताबड़ तोड़ रैलियां जनसभा और बुनियादी असुविधाओं को ठीक करने के साथ अपने अधिकारियो पर नकेल कसने की कवायद में लगी है तो वही जिले के विद्दुत विभाग के अधिकारी उसपे पलीता लगाने में कोई कोर कशर छोड़ते नजर नहीं आ रहे ताजा प्रकरण अभी हाल के दिनों में जिले में आये मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के दौरे से महज 3 दिनों पूर्व 4 तारीख को संयुक्त रूप से खनन राज्य मंत्री अर्चना पाण्डेय और जिलाधिकारी अमित सिंह के आदेशानुसार विद्दुत विभाग के पिपरी डिवीजन अंतर्गत कई अवर अभियंताओ के स्थांतरण अधीक्षण अभियन्ता सोनभद्र सुभाषचंद्र यादव ने आदेशित कर दिया था पर अबतक एकभी  ज्वानिंग नहीं हो सकी  जिसे देखते हुए इस बात का अन्दाजा भी बखूबी लगाया जा सकता है की सरकार की छवि बेकार करने में केवल बिपक्षि नहीं अपितु उनके अपने ही अधिकारी भी बखूबी साथ दे रहे हैं ओ भी तब जब लोकसभा चुनाव के दिन गिनने को रह गए हों।

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उक्त प्रकरण पे बात करते सोनभद्र अधीक्षण अभियंता सुभाष चन्द्र यादव का कहना है कि 4 जुलाई को कोन , डाला , चोपन और ओबरा के जेई का स्थानान्तरण जिले की प्रभारी मंत्री अर्चना पाण्डेय और जिलाधिकारी के आदेश पर किया गया था अगर पिपरी खण्ड के अधिशाषी अभियंता और सहायक अभियंता इन लोगो को रिलीव कर चार्ज नही दिलाते है तो इसकी पूरी जवाबदेही अधिशाषी अभियंता की बनती है जिनके पर आदेश का अनुपालन नही करने पर कार्यवाही भी की जा सकती है।

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बड़ी बात ये है की अगर इस दौरान उक्त किसी भी सब स्टेशन पे कोई दुर्घटना संयोग वस होती है तो इसकी जिम्मेवारी किसकी होगी जबकि सारे je अपने अपने ट्रांसफर आर्डर के साथ पहले से है पर उनकी स्थाई न्युक्ति कही भी नहीं हो सकी है
अब देखना यह है की कहानी आगे क्या मोड़ लेती है

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